बंजारा बस्ती के बाशिंदे
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Sunday, August 11, 2019

बस एक शर्त्त अपनी तुम हार जाओ ना !

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बेटा ! शर्तें तो तुमने बचपन से ही अब तक है मुझसे सारी ही जीती ... जिनमें कई शर्तें तो तुम सच में थे जीते और कुछ शर्तों को जानबूझ कर था ...
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Subodh Sinha
आम नागरिक, एक इंसान बनने की कोशिश
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