बंजारा बस्ती के बाशिंदे
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Sunday, August 30, 2020

एक रात उन्मुक्त कभी ...

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हुआ था जब पहली बार उन्मुक्त गर्भ और गर्भनाल से अपनी अम्मा के, रोया था जार-जार तब भी मैं कमबख़्त। क्षीण होते अपने इस नश्वर शरीर से और होऊँगा ...
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Subodh Sinha
आम नागरिक, एक इंसान बनने की कोशिश
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