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Friday, October 30, 2020
होठों की तूलिका - चंद पंक्तियाँ - (27)- बस यूँ ही ...
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आज शरद पूर्णिमा के पावन अवसर पर .... (१) होठों की तूलिका आज सारी रात शरद पूर्णिमा की चाँदनी मेरी बाहों का चित्रफलक तुम्हारे तन का कैनवास मे...
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Thursday, October 17, 2019
यार चाँद ! ...
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यार चाँद ! .. बतलाओ ना जरा !... जो है मेरे मन के करीब अपनी प्रियतमा होकर करीब भी मन के जिसके जिसे अक़्सर मैं मना नहीं पाता और बतलाओ ना ...
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