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आत्मसमर्पण
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Sunday, July 28, 2019
आत्मसमर्पण ...
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सुगंध लुटाते, मुस्कुराते, लुभाते, बलखाते, बहुरंग बिखेरे, खिलते हैं यहाँ सुमन बहुतेरे, नर्म-नर्म गुनगुने धूप में जीवन के यौवन-वसंत में ।...
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