(1)#
माना कि ... पता नहीं मुझे
पता तुम्हारा,
पर सुगन्धों को भला
कब चाहिए साँसों का पता
बोलो ना जरा ...
चलो बन्द कर भी दो
अपनी दो आँखों की
दोनों खिड़कियाँ
दोनों बाँहों के
दो पल्ले दरवाजे के ...
हम तो ठहरे
आवारा सुगन्ध
आ ही जायेंगे
तुम्हारी साँसों तक
तुम्हारे मन के
रोशनदान के रास्ते .. है ना !?
(2)#
एक सूनी-पुरानी
इमारत की
किसी बदरंग दीवार पर
अनायास उग आये
पुष्पविहीन फर्न की तरह
पनप जाते हैं अनायास
कुछ रिश्ते ..जो ...
बेशक़ बागों में पनाह
पायें ना पायें पर ...
मन की आँखों में
प्रेम की हरियाली
सजाते हैं अनवरत
ठीक सावन की
हरियाली की तरह ...
है ना !?...
(3)#
प्रकृत्ति प्रदत्त
सृष्टि स्रोत
शुक्राणुओं के
महासमर-सी
कई सोचें ... कई कल्पनाएँ ...
उद्देश्यहीन रह जाती हैं
अक़्सर बस यूँ ही ...
बस एक सोच ही
जिनमें तुम रहती ... पलती...
बन विजेता इकलौती ही
बारहा प्रकृत्ति-नियम सी
है रचने बढ़ पाती
मन के कोख़ में
भावना की एक नई सृष्टि .....
माना कि ... पता नहीं मुझे
पता तुम्हारा,
पर सुगन्धों को भला
कब चाहिए साँसों का पता
बोलो ना जरा ...
चलो बन्द कर भी दो
अपनी दो आँखों की
दोनों खिड़कियाँ
दोनों बाँहों के
दो पल्ले दरवाजे के ...
हम तो ठहरे
आवारा सुगन्ध
आ ही जायेंगे
तुम्हारी साँसों तक
तुम्हारे मन के
रोशनदान के रास्ते .. है ना !?
(2)#
एक सूनी-पुरानी
इमारत की
किसी बदरंग दीवार पर
अनायास उग आये
पुष्पविहीन फर्न की तरह
पनप जाते हैं अनायास
कुछ रिश्ते ..जो ...
बेशक़ बागों में पनाह
पायें ना पायें पर ...
मन की आँखों में
प्रेम की हरियाली
सजाते हैं अनवरत
ठीक सावन की
हरियाली की तरह ...
है ना !?...
(3)#
प्रकृत्ति प्रदत्त
सृष्टि स्रोत
शुक्राणुओं के
महासमर-सी
कई सोचें ... कई कल्पनाएँ ...
उद्देश्यहीन रह जाती हैं
अक़्सर बस यूँ ही ...
बस एक सोच ही
जिनमें तुम रहती ... पलती...
बन विजेता इकलौती ही
बारहा प्रकृत्ति-नियम सी
है रचने बढ़ पाती
मन के कोख़ में
भावना की एक नई सृष्टि .....
बस यूँ ही भी बहुत अच्छी रचना रच दिएं आप।
ReplyDeleteमार्मिक भाव फूट के आ रहें है।
अद्वितीय कल्पना एवं रचना।
शुक्रिया रचना की सराहना के लिए ...
Deleteसच को अपने शब्दों में पिरो....बहुत सही और यथार्थ चित्रण कर दिया
ReplyDeleteप्रोत्साहित करने के लिए शुक्रिया ....
Deleteआपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में " गुरुवार 08अगस्त 2019 को साझा की गई है......... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteजी ! आपका हार्दिक धन्यवाद ... मेरी रचना को साझा करके रचना की मान बढ़ाने के लिए ...
Deleteबेहतरीन प्रस्तुति
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद ...
Deleteअनूठे बिंब गढ़कर और भावपूर्ण एहसास भरे शब्दों को गूँथकर अति सुंदर सृजन करते है आप। बहुत अच्छी क्षणिकायें हैं। बहुत सुंदर भावअभिव्यक्ति।
ReplyDeleteक्षणिकाओं का तो पता नहीं ... बस कुछ बिम्बों के अहसास को जीने की कोशिश भर करते हैं हम ...शब्द तो बस यूँ ही उकेरा जाते हैं अनायास ...
Deleteअनुपम सृजन।
ReplyDeleteसराहना के लिए शुक्रिया ....
Deleteमन के भावों की सुंदर अभिव्यक्ति
ReplyDeleteसराहना केलिए साभार आपका ...
Deleteविडीओ ब्लॉग पंच में आपके इस ब्लॉगपोस्ट की विडीओ चर्चा ब्लॉग पंच के नेक्स्ट विडीओ एपिसोड में की जाएगी और उसमें से बेस्ट ब्लॉग चुना जाएगा पाठको द्वारा वहाँ पर दी गई कमेंट के आधार पर ।
ReplyDeleteब्लॉग पंच का उद्देश्य मात्र यही है कि आपके ब्लॉग पर अधिक पाठक आये और अच्छे पाठको को अच्छी पोस्ट पढ़ने मीले ।
एक बार पधारकर आपकी अमूल्य कमेंट जरूर दे
विडीओ ब्लॉग मंच का पार्ट ब्लॉग पंच 1 यहाँ पर है
विडीओ ब्लॉग मंच का पार्ट ब्लॉग पंच पार्ट 2 यहाँ है
जल्द ही आपके ब्लॉग को हम यहाँ जगह देने जा रहे है
आपका अपना
Enoxo multimedia
आपकी पोस्ट ब्लॉग पंच में
ReplyDeleteविडीओ ब्लॉग पंच में आपकी इस ब्लॉगपोस्ट की शानदार चर्चा ब्लॉग पंच पार्ट 3 के एपिसोड में की गई है । "
" जिसमे हमने 5 ब्लॉग लिंक पर चर्चा की है और उसमें से बेस्ट ब्लॉग चुना जाएगा , याद रहे पाठको के द्वारा वहाँ पर की गई कमेंट के आधार पर ही बेस्ट ब्लॉग पंच चुना जाएगा । "
" आपको बताना हमारा फर्ज है की चर्चा की गई 5 लिंक में से एक ब्लॉग आपका भी है । तो कीजिये अपनो के साथ इस वीडियो ब्लॉग की लिंक शेयर और जीतिए बेस्ट ब्लॉगर का ब्लॉग पंच "
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ब्लॉग पंच क्या है वो आप यहाँ पढ़े ब्लॉग पंच
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