Saturday, May 9, 2020
अम्मा की गर्भनाल के बहाने ...
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हमारे परिधान, खान-पान और भाषा मतलब मोटे-मोटे तौर पर कहा जाए तो हमारे रहन-सहन पर अतीत के कई विदेशी हमलावर, लुटेरे और शासकों की सभ्यता-संस्कृ...
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Friday, May 8, 2020
बेचारी भटकती है बारहा ...
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सारा दिन संजीदा लाख रहे मोहतरमा संजीदगी के पैरहन में मीन-सी ख़्वाहिशें मन की, शाम के साये में मचलती है बारहा निगहबानी परिंदे की है मि...
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Thursday, May 7, 2020
मेरे हस्ताक्षर में ...
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हाशिए पर पड़ी ज़िन्दगी उपेक्षित कब होती है भला !? बोलो ना ... सखी .. संपूर्ण पन्ने का मूल्यांक और मूल्यांकन व अवलोकन को सत्याप...
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Tuesday, May 5, 2020
गुलाबी सोना ...
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आज हम लोग " कतरनों और कचरे से कृतियाँ - हस्तशिल्प - (भाग-1,2,3.) " के सफर को Lockdown-3.0 की अवधि में आगे बढ़ाते हुए.. कतरनों औ...
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Sunday, May 3, 2020
शोहरत की चाह में
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(१) समय और समाज को ही है जब तय करना जिसे ख़ातिर उसके तू भला क्यों है इतना मतवाला ? है होना धूमिल आज नहीं...
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Friday, May 1, 2020
मजदूरिन दिवस
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आज शोर है .. बहुत साहिब .. है ना ? शायद .. आज मज़दूर दिवस है .. है ना ? बैंक बंद .. बड़े-बड़े संस्थान बन्द फैक्टरियाँ भी हैं बंद ... है ना ...
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Thursday, April 30, 2020
मेरी ख़ातिर गाओ ना पापा ...
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● (अ) ख़ासकर गर्मी की छुट्टियों की दुपहरी में :- ------------------------------------------------ Storytelling यानी हिन्दी म...
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