बंजारा बस्ती के बाशिंदे
Thursday, June 20, 2019

नमक - स्वादानुसार ....

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औरतें चौकों में खाना सिंझाती मात दे जाती हैं अक़्सर .... सर्कस में रस्सी पर संतुलन बना कर चलने वाले कलाकार को भी  जब .... डालती हैं वे ह...
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साक्षात स्रष्टा

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एक शाम कारगिल चौक के पास कुम्हार के आवाँ के मानिंद पेट फुलाए संभवतः संभ्रांत गर्भवती एक औरत ... साक्षात स्रष्टा , सृष्टि को सिंझाती अपन...
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Wednesday, June 19, 2019

विवशताएँ .. अपनी-अपनी...

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आज की यह रचना/विचार हिन्दी दैनिक समाचार पत्र- दैनिक जागरण , धनबाद के समाचारों से इतर सहायक पृष्ठ पर 20 दिसम्बर, 2005 को " विवशता ...
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Tuesday, June 18, 2019

अनचाहा डी. एन. ए.

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अपने कंधों पर लिए अपने पूर्वजों के डी. एन. ए. का अनमना-सा अनचाहा बोझ ठीक उस मज़बूर मसीहे की तरह जो  था मज़बूर अंतिम क्षणों में स्वयं के ...
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Monday, June 17, 2019

भावनाओं के ऊन

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किसी पहाड़ी वादियों में कुलाँचे मारते भेंड़ों के झुण्ड जैसी भागमभाग वाली हमारी दिनचर्या और उन भेंड़ों के बदन से ज़बरन कतरे गए मुलायम उनके ...
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Sunday, June 16, 2019

बस आम पिता-सा

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गर्भ में नौ माह तक कहाँ रखा झेला भी तो नहीं प्रसव-पीड़ा नसीब नहीं था दूध भी पिलाना ना रोज-रोज साथ खेलना बेटा ! प्यार कर ही पाया कहाँ मै...
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Saturday, June 15, 2019

चन्द पंक्तियाँ (५) ... - बस यूँ ही ...

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(1)# बड़ा बेरंग-सा था ये जीवन अपना तेरे प्यार के प्रिज़्म ने इसे 'बैनीआहपीनाला' कर दिया ..... (2)# अमरबेल-सा परजीवी मेरा...
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Subodh Sinha
आम नागरिक, एक इंसान बनने की कोशिश
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